धान की रोपाई के समय समूचे माहौल के भगत को स्वर लहरिया किस
तरह चमत्कृत कर देती थी उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत करें!
Answers
Answered by
2
: Required Answer
आषाढ़ महीने की रिमझिम के बीच सारा गाँव खेतों में उमड़ पड़ा है। शीतल पुरवाई चल रही है। आसमान बादलों से आच्छादित है। कहीं हल चल रहे हैं कहीं रोपनी हो रही है। बच्चे पानी भरे खेत में खेल रहे हैं। औरतें कलेवा लिए मेंड़ पर बैठी हैं। इसी समय भगत का कंठ फूट पड़ता है और उनके स्वरों की गूंज आसपास के लोगों को झूमने के लिए विवशकर देती है। इसे सुनकर बच्चे झूमने लगते हैं, स्त्रियों के होंठ गुनगुनाने लगते हैं और गीत की लय-ताल पर अँगुलियाँ रोपाई करने लगती हैं तथा कदम उठने लगते हैं।
Similar questions