Hindi, asked by webindassatyam8053, 11 months ago

धेनु पर निबंध for class 8th
Very long essay


ayushi8462: in hindi aur sanskrit

Answers

Answered by snehasaha20
34

गौ: एकः चतुष्पात पशु: अस्ति। अस्या: एकं पुच्छम् भवति। द्वे श्रंगे भवतः। चत्वारः पादाः भवन्ति। अस्या: गले एकं गल्कम्ब्लम् भवति। इदं गल्कम्ब्लम् अन्यापशुनाम न भवति। गौ: तृणचारी पशु: अस्ति। इयं वनेषु भ्रमति घासम तृणं च चरति। अस्याः स्वभा

व अतीव सरलः भवति। गौ: महान उपकारी पशु: अस्ति। इयं दुग्धं ददाति। दुग्धेन दधि भवति। अस्या: दधि दुग्धं घृतं च अतीव पवित्रं हितकारकं च भवति। गौ: गोमयं ददाति। गोमयेन गृहे लिप्यते। पूजाकार्ये अपि गोमयस्य उपयोगो भवति। गौमूत्रेण च अनेके रोगाः नृश्यन्ति। गौ पशु नास्ति। सा माता अस्ति, पिता अस्ति, देवता अस्ति।

mark the answer as a brainlist

Answered by shishir303
8

                           धेनु अर्थात गाय पर निबंध (हिंदी)

गाय मूलतः एक शाकाहारी जानवर है ये एक पालतू जानवर है। ये बहुत सीधी और शांत स्वभाव की होती है।

शारीरिक संरचना के हिसाब से गाय के दो सींग होते है इसके दो आंखें होती है। गाय के चार पैर और चार थन होते है। इसके एक पूछ होती है। गाय के दो बड़े कान होते है। इसका एक बड़ा और चौड़ा मुख होता है। अपने सींगों से ये अपनी रक्षा करती है। इसका वजन 720 किलो तक हो सकता है।

गाय अनेक रंगों में पायी जाती है जैसे कि काला, सफेद, भूरा इत्यादि।

खाने में हरा चारा खाती है। इसे भूसा, पत्ते और खल भी पसंद हैं। गाय एक बार चारा खाने के बाद पूरे दिन उसे चबाती रहती है यह 1 मिनट में लगभग 50 बार जुगाली (चारे को चबाना) करती है।  ये एक बार में 30 से 40 लीटर तक पानी पी जाती है।

यद्यपि गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती हैं और पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में पाला जाता है, लेकिन भारत में गाय का अलग ही महत्व है। गाय को भारत में बहुत महत्वपूर्ण पशु माना गया है। इसे हिंदू समाज में माँ का दर्जा दिया गया है। हिंदू धर्म में गाय को पूज्यनीय माना गया है और गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार गाय के शरीर में देवताओं का वास होता है।

गाय एक स्तनपायी प्राणी है और 9 महीने का गर्भ धारण करती है। एक बार में एक बछड़े को जन्म देती है।

गाय का दूध बहुत पौष्टिक होता है और ये मानव के शरीर के लिये बहुत स्वास्थ्य वर्धक है।

गांवों में गाय के गोबर को सुखाकर ईधन के काम में लिया जाता है। गाय के गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी होता है।

आर्युवेद के अनुसार गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जिससे कई बीमारियों मे लाभ होता है।

पूरे विश्व में भारत में ही सबसे अधिक गाये पायी जाती हैं। हालांकि संसार में अलग-अलग नस्लों की गाये पायी जाती हैं। नस्ल के हिसाब से गाय की दूध देने की क्षमता अलग-अलग होती है। ये एक 10 लीटर से 20 लीटर दूध दे सकती है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया जरसी नस्ल की गायें ज्यादा दूध देती हैं।

भारत में साहीवाल जाति, नागौरी, पवाँर, भगनाड़ी, राठी, मालवी, काँकरेज, सिंधी, दज्जल, थारपारकर, अंगोल या नीलोर आदि नस्लों की गाये पायी जाती हैं।

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि गाय एक शांतिप्रिय पशु है। भारत में गाय को मां का दर्जा इसीलिए दिया गया है क्योंकि वह माँ के समान हमें कुछ न कुछ देती ही रहती है। वह हमारे लिये अनेक तरह से उपयोगी है।

Similar questions