*१ धूप बरसा रही थीं तलवारें,
फिर भी मैं सायबान से निकला।
वक़्त मोहलत न देगा फिर तुम को,
तीर जिस दम कमान से निकला
| ३ ग़ज़ल का भाव ३० शब्दों में लिखिए। ०
Answers
Answered by
4
Answer:
1-07-13 Shivnarain Yadav आदरणीय आत्मन् जिस विधा में प्रिय. ... अब गजल से रुमानियत उड रही है . ... काफिया - तुकांत
Similar questions
Math,
5 months ago
Math,
5 months ago
Social Sciences,
5 months ago
Social Sciences,
9 months ago
Social Sciences,
9 months ago
Physics,
1 year ago