Hindi, asked by shreyabarmaiyasb, 4 months ago

धूप की तपन खुद सहने

छाँव सबको देने का प्रण

पेड़ों ने लिया .

धूप ने बदले में

फूलो को रंगीन

पेड़ों को हरा -भरा कर दिया।

हजारों मील चलकर
गई थीं जो नदियाँ

और मीठा पानी खारी समंदर को दिया

बदल गया इतना मन समंदर का

रख लिया खारीपन पास अपने

और बादलों के हाथ

भेजा मीठे जल का तोहफा

नदियों को फिर जिसने भर दिया ।



(ii)नदियाँ हजारों मील किसलिए चलती है


(क) प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए

(ख) विश्व में मानवता की ज्योति जगे

(ग) व्यक्ति दूसरे के सुख के लिए विकल हो
जाए।

(घ)प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के सुख को अपना सुख माने।


shreyabarmaiyasb: कविता का संदेश - (क) जैसे के साथ तैसा व्यवहार (ख) अपकारी के प्रति उपकार (ग) उपकारी के प्रति गहन कृतज्ञता (घ) कृतघ्नता जीवन का अभिशाप।

Answers

Answered by bhoomikapatle
4

ii)उत्तर-

Explanation:

क)प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए

Answered by shivangiroy27
3

Answer:

 (क) प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए।

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