धूपबत्ती खड़ी हो जाती थी उसने जलने की शक्ति बराबर ही है पर खड़ी हुई धूप बत्ती दियासलाई ज्वाला को ग्रहण करने में असमर्थ रहती है और तिरुपति उसे सुगमता से गrahn कर लेती है
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I don't understand what you said
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