धार्मिक बहुलता वाद की जड़ परंपरा में निहित है टिप्पणी
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जिसमें धर्म का उत्कर्ष तत्व निहित है और जो कि बहुत से धर्मों का एकीकरण है। बहुत से धार्मिक समाज में धर्मों के बीच यह सेतु का कार्य करता है जिसके माध्यम से प्रत्येक धर्म अपनी विभिन्नताओं की सीमाओं को लांघ कर एक-दूसरे के आत्मसात होने में समर्थ होते हैं। यही प्रमुख विशेषता है, जिसे हम धार्मिक बहुलता के नाम से जानते हैं।
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