धार्मिक कि इस बुद्धिहीन रहता और देव दुर्लभ त्याग पर मन बहुत दूर जाया अब दोनों शक्तियों से संग्राम होने लगा धन से उछलकर पर आक्रमण करने शुरू किए 1 से 5 5 से 10 10 से 15 और 15 से 20000 तक न पहुंचे किंतु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इसको संख्या सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भांति अटल अब जरा खड़ा था संदर्भ प्रसंग व्याख्या कीजिए
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Abhimanyu Arjun ke putra tha
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(पृष्ठ संख्या 10-11) धर्म की बुद्धिहीन दृढ़ता और देव-दुर्लभ त्याग पर मन बहुत झुंझलाया। अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। ... एक से पाँच, पाँच से दस, दस से पन्द्रह और पन्द्रह से बीस हजार तक नौबत पहुँची, किन्तु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इस बहुसंख्यक सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भांति अटल, अविचलित खड़ा था।
Explanation:
(पृष्ठ संख्या 10-11) धर्म की बुद्धिहीन दृढ़ता और देव-दुर्लभ त्याग पर मन बहुत झुंझलाया। अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। ... एक से पाँच, पाँच से दस, दस से पन्द्रह और पन्द्रह से बीस हजार तक नौबत पहुँची, किन्तु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इस बहुसंख्यक सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भांति अटल, अविचलित खड़ा था।
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