३) धार्मिक दृष्टि से पवित्र माने जाने वाले वृक्ष विषय पर ४० से ५० शब्दों में अपने (रविचार लिखिए।
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मानव जीवन के लिए सभी प्रकार के वृक्ष किसी न किसी प्रकार से उपयोगी एवं बहुमूल्य हैं। परन्तु धार्मिक परंपरा में वट वृक्ष, आम वृक्ष, पलाश, पीपल, चन्दन, कदली, नारियल, बेल आदि पूजनीय वृक्षों की श्रेणी में है। ये बातें बुधवार को संजय रामफल ने एक पेड़ एक जीवन अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बरगद या वट का छायादार विशाल वृक्ष भारत के हर कोने में होता है। इसकी आयु बहुत अधिक होती है। इसीलिए लोगों की मान्यता है कि वट वृक्ष अमरत्व का वृक्ष है और इसमें ब्रह्म देव का निवास है। इसी वट वृक्ष के नीचे बैठकर सती सावित्री ने अपने पति को यमराज से छुड़ाया था। इसीलिए भारत में सुहागिन स्त्रिया इस वृक्ष की पूजा करके सती सावित्री को याद करते हुए अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है। पीपल का वृक्ष भी पूजनीय है। इसके पत्ते-पत्ते में भगवान का वास माना जाता है, इसीलिए कहा जाता है, पत्रे पत्रे सर्वे देवा वासुदेवायते नम:। इसीलिए पीपल को पूजनीय मानकर हिन्दू इसे नहीं काटते हैं। भगवन बुद्ध को भी पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर आत्मबोध हुआ था। मान्यता है की पलाश का वृक्ष सर्व मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। कदली वृक्ष में भी भगवान विष्णु का वास माना गया है। इसका व्रत व पूजन किया जाता है। चन्दन वृक्ष भी देव-पूजन की पावन सामग्री का अभिन्न अंग है। आम केले और बेल के पत्ते विभिन्न अवसरों पर पूजन के काम आते हैं।
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which chapter answer you take the above question answer