Hindi, asked by princessnyra143, 6 months ago

धीरे धीरें उत्तर
छितिज से कविता
का सारांश अपने
शब्दों में लिखें​

Answers

Answered by mangacheepuru
0

Answer:

How are you Aunty and the next stage is not an easy task and the next

Answered by MizZFaNtAsY
3

Answer:

धीरे धीरे उतर क्षितिज से

आ वसंत-रजनी!

तारकमय नव वेणीबंधन

शीश-फूल कर शशि का नूतन,

रश्मि-वलय सित घन-अवगुंठन,

मुक्ताहल अभिराम बिछा दे

चितवन से अपनी !

पुलकती आ वसंत-रजनी !

मर्मर की सुमधुर नूपुर-ध्वनि,

अलि-गुंजित पद्मों की किंकिणि,

भर पद-गति में अलस तरंगिणि,

तरल रजत की धार बहा दे

मृदु स्मित से सजनी !

विहँसती आ वसंत-रजनी !

पुलकित स्वप्नों की रोमावलि,

कर में हो स्मृतियों की अंजलि,

मलयानिल का चल दुकूल अलि !

चिर छाया-सी श्याम, विश्व को

आ अभिसार बनी !

सकुचती आ वसंत-रजनी !

सिहर सिहर उठता सरिता-उर,

खुल खुल पड़ते सुमन सुधा-भर,

मचल मचल आते पल फिर फिर,

सुन प्रिय की पद-चाप हो गई

पुलकित यह अवनी !

सिहरती आ वसंत-रजनी !

(नीरजा से)

 

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