Science, asked by fariyadarmy, 3 months ago

धारावाही परिनालिका को मुक्त अवस्था में लटकाने पर वह किस दिशा में स्थल होगी और क्यों​

Answers

Answered by sitara464
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Answer:

परिनालिका (solenoid) एक त्रिबिमीय (three-dimensional) कुण्डली (coil) को कहते हैं। भौतिकी में परिनालिका स्प्रिंग की भांति बनाये गये तार की संरचना को कहते हैं जिसमें से धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है। प्राय: ये तार किसी अचुम्बकीय पदार्थ (जैसे प्लास्टिक) के बेलनाकार आधार पर लिपटे रहते हैं जिसके अन्दर कोई अचुम्बकीय क्रोड, (जैसे हवा) या चुम्बकीय क्रोड (जैसे लोहा) हो सकता है। परिनालिकाएँ इसलिये महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनकी सहायता से नियंत्रित चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण किया जा सकता है तथा वे विद्युतचुम्बकों की तरह प्रयोग की जा सकती हैं।

Explanation:

Answered by peehuthakur
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Answer:

परिनालिका (सोलेनॉयड) में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र ... चुम्बक के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र की रेखाओं की दिशा उसके दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर होती है। अत: चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती हैं। परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ समांतर रेखाओं की भाँति होती हैं।

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