Chemistry, asked by makwanaanil9654, 9 months ago

ध्रुवीय सहसंयोजी आबंध से आप क्या समझते हैं? उदाहरणसहित व्याख्या कीजिए।

Answers

Answered by ankugraveiens
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ध्रुवीय सहसंयोजक आबंध एक रासायनिक आबंध है जिसमें एक आबंध बनाने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉनों को दो परमाणुओं के बीच असमान रूप से साझा किया जाता है |

Explanation:

  1. जब अलग-अलग परमाणु जिनका वैद्युतीयऋणात्मकता का मान अलग-अलग है वो जब सहसंयोजक आबंध बनाने के लिए जुड़ते हैं, तो इलेक्ट्रॉनों की आबंध जोड़ी समान रूप से साझा नहीं की जाती है । एक परमाणु का नाभिक जिसमें अधिक वैद्युतीयऋणात्मकता होती है, आबंध युग्म को आकर्षित करता है। तो, इलेक्ट्रॉन वितरण विकृत हो जाता है और जिस परमाणु का  वैद्युतीयऋणात्मकता ज़्यादा होता वोह परमाणु इलेक्ट्रॉन घटा या गुच्छा को आकर्षित करता है।
  2. इस प्रकार, वैद्युतीयऋणात्मकता तत्व थोड़ा ऋणात्मक आवेश हो जाता है और दूसरी ओर, दूसरा परमाणु थोड़ा धनात्मक आवेश हो जाता है । इसके परिणामस्वरूप, दो विपरीत ध्रुवों को एक अणु में विकसित किया जाता है और इस प्रकार के आबंध को 'ध्रुवीय सहसंयोजक आबंध' कहा जाता है।

जैसे HCl एक ध्रुवीय सहसंयोजक बंधन है। HCl में, CL परमाणु, H- परमाणु की तुलना में अधिक वैद्युतीयऋणात्मकता रखता है। इस प्रकार, आबांध युग्म Cl- परमाणु की ओर बढ़  जाता है और इस वजह से H- परमाणु  सकारात्मक आवेश प्राप्त कर लेता है।  

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