ध्रुवस्वामिनी किस विधा की रचना है
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➲ ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक विधा की रचना है।
व्याख्या...
➤ ‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक ‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा लिखा गया एक ऐतिहासिक नाटक है। इस नाटक का प्रकाशन 1933 में हुआ था। ये नाटक जयशंकर का अंतिम नाटक था। तीन अंकों में विभाजित इस नाटक की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक थी।
इस नाटक में लेखक ने नारी की प्रतिष्ठा सिद्ध करने का प्रयत्न किया है। प्राचीन काल से ही परंपराओं के नाम पर इस समाज में नारी को एक केवल भोग की वस्तु समझा जाता रहा है। नारी के मन तथा भावनाओं का कोई महत्व नहीं समझा जाता था। नारी भी एक मानव होती है, कोई वस्तु नही, लेकिन पुरुष प्रधान समाज में नारी को केवल भोग की वस्तु समझा जाता रहा है।
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