Hindi, asked by amishafilomeena1003, 7 months ago

'ध्रुवस्वामिनी' नाटक की प्रासंगिकता पर विचार कीजिए|​

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Answered by shishir303
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‘ध्रुवस्वामिनी’ नाटक हिंदी के श्रेष्ठ साहित्यकार ‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा रचित ऐतिहासिक नाटक है। लेखक जयशंकर प्रसाद ने इसका कथानक गुप्त काल के इर्द-गिर्द रचा दिया है। यह नाटक इतिहास और वर्तमान काल की समस्याओं का मिश्रण है, जो इतिहास प्राचीन इतिहास के संदर्भ में रखकर भी वर्तमान समस्याओं को प्रस्तुत करता है। इस नाटक के माध्यम से लेखक ने शाश्वत मानव जीवन का स्वरूप दिखाया है और समस्याओं के साथ साथ उनके हल भी सुझाए हैं। यह नाटक वर्तमान काल में एक आशा की किरण दिखाता है, जो ऐसी समस्याओं का हल सुलझाने का प्रयत्न करता है, जो समस्याएं सर्वकालिक रही हैं। इस नाटक के माध्यम से लेखक ने राष्ट्रीय के साथ-साथ विश्व-प्रेम का भी संदेश दिया है। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अपनी कल्पनाशीलता का संयोजन कर प्राचीन इतिहास को वर्तमान संदर्भ से जोड़ने का प्रयत्न किया है। यह नाटक नारी की मन की व्यथा को प्रकट करता हुआ नारी की प्रतिष्ठा को भी स्थापित करने का मन करता है।

ध्रुवस्वामिनी’ नाटक जयशंकर प्रसाद की अंतिम कृति थी, जो 3 अंकों में रचित किया गया था।

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