India Languages, asked by aishwaryashinde22200, 1 month ago

धातु नाम उपयोग कृत्वा वाक्य निर्माण करुता दा (३आ.प)​

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Answered by siddhipatil128
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Answer:

वाक्य के मुख्यतः दो भाग होते हैं।

1.कर्ता

2. क्रिया

संस्कृत भाषा के वाक्यों में *क्रिया (Verb)* के लिए *धातु* का प्रयोग की जाती है।

यथा-

रामः फलं *खादति।*

राम फल *खा रहा है।*

Ram is *Eating* an Apple.

उपर्युक्त वाक्य में *खादति* क्रिया है जो धातु के रूप में प्रयोग की जाती है।

धातुओं के दस लकार होते हैं-

" लट् , लिट् , लुट् , लृट् , लेट् , लोट् ,

लङ् , लिङ् , लुङ् , लृङ् " ।

•• वास्तव में ये दस प्रत्यय हैं जो धातुओं में जोड़े जाते हैं। इन दसों प्रत्ययों के प्रारम्भ में " ल " है

इसलिए इन्हें 'लकार' कहते हैं (ठीक वैसे ही जैसे ॐकार, अकार, इकार, उकार इत्यादि)।

•• इन दस लकारों में से

~~~~ आरम्भ के छः लकारों के अन्त में 'ट्' है-

लट् लिट् लुट् आदि इसलिए ये " टित् " लकार कहे जाते हैं और

~~~~ अन्त के चार लकार " ङित् " कहे जाते हैं क्योंकि उनके अन्त में 'ङ्' है।

•• व्याकरणशास्त्र में जब धातुओं से

पिबति, खादति आदि रूप सिद्ध (बनाए) किये जाते हैं

तब इन " टित् " और " ङित् " शब्दों का बहुत बार प्रयोग किया जाता है।

•• इन लकारों का प्रयोग विभिन्न कालों की क्रिया बताने के लिए किया जाता है।

जैसे –

••••• जब वर्तमान काल की क्रिया बतानी हो तो धातु से " लट् " लकार जोड़ देंगे,

•••••• परोक्ष भूतकाल की क्रिया बतानी हो तो " लिट् " लकार जोड़ेंगे।

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