धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन मॉडल के आधार पर ओम के नियम का निगमन कीजिए
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ओम के नियम (Ohm's Law) के अनुसार यदि ताप आदि भौतिक अवस्थायें नियत रखीं जाए तो किसी प्रतिरोधक (या, अन्य ओमीय युक्ति) के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उससे प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।
अर्थात्
V ∝ I
या,
V = R x I
या,
R = V / I = CONSTANT
R, को युक्ति का प्रतिरोध कहा जाता है। इसका एक मात्रक ओम (ohm) है।
- वास्तव में 'ओम का नियम' कोई नियम नहीं है बल्कि यह ऐसी वस्तुओं के 'प्रतिरोध' को परिभाषित करता है जिनको अब 'ओमीय प्रतिरोध' कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में यह उन वस्तुओं के उस गुण को रेखांकित करता है जिनका V-I वैशिष्ट्य एक सरल रेखा होती है।
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