धातु और अधातु क्या उदाहरण देकर सदमा ट्रांसलेट इनटू इंग्लिश
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Explanation:
धातु :-
धातु एक ऐसे कठोर पदार्थ है जो विद्युत के अच्छे चालक होते हैं एवं बहुत प्रकार के गुण रखते हैं जैसे भंगुरता, तन्यता, कठोरता, आघातवर्धनीयता इत्यादि|
धातु प्राय: उन तत्वो को कहा जाता है जो सामान्य रासायनिक अभिक्रियाओ के दौरान अपने परमाणुओं मे से एक या एक से अधिक इलैक्टान त्यागकर धनायन बनने की प्रव्रत्ति रखते है ,धातु कहलाते है।
धातुओ केा धन विद्युती तत्व भी कहा जाता है ।
जैसे - लोहा तॉबा सोना चादी आदि ।
अधातु :-
अधातु उन्हे कहा जाता है जो रासायनिक अभिक्रियाओ के दौरान एक या एक से अधिक इलेक्टान ग्रहण करके ऋणायन बनाने की प्रवत्ति रखते है । अधातुओ को ऋण विद्युतीय तत्व भी कहा जाता है।
जैसे - आयेाडीन ब्रोमीन कार्बन सल्फर आदि ।
Metals :-
Metals are materials holding or possessing the characteristics of being shiny, hard, fusible, malleable, ductile, etc. Few examples of metals (materials) are – Gold, Silver, Aluminium, Copper, Iron, etc. The metals are a good conductor of heat and electricity as they can pass through them. They are good conductors of heat and electricity. The best conductors of electricity are silver and copper, however, lead and mercury are poor conductors of electricity.
Non Metals :-
Non – metals are materials not holding the characteristics of metals, means they are not shiny, hard, fusible, malleable, ductile, etc. Many materials like coal and Sulphur are very soft and dull in appearance. They break down into very fine thin powdery mass on tapping with the hammer. They are neither in – sonorous and also are a very poor conductor of heat and electricity. Few examples of non – metals are carbon, oxygen, Sulphur, etc.
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Explanation:
धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं।
अधातु (non-metals) रासायनिक वर्गीकरण में प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। आवर्त सारणी का प्रत्येक तत्व अपने रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर धातु अथवा अधातु श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है। (कुछ तत्व जिनमें दोनों के गुण पाये जाते हैं उन्हें उपधातु (metaloid) की श्रेणी में रखा जाता है।) आवर्त सारणी में ये 14वें (XIV) से लेकर १८वें (XVIII) समूह में दाहिने-ऊपरी कोने में स्थित हैं। इसके अलावा प्रथम समूह में सबसे उपर स्थित उदजन भी अधातु है। हाइड्रोजन के अलावा जारक, प्रांगार, भूयाति, गंधक, भास्वर, हैलोजन, तथा अक्रिय गैसें अधातु मानी जाती हैं।