Hindi, asked by salugusain26, 8 months ago

धृतराष्ट्र को किस-किस ने पांडवों के साथ संधि करने की सलाह दी​

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Answered by womo
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Answer:

धृतराष्ट्र का अन्य योद्धाओं को युद्ध से भयभीत करना

धृतराष्‍ट्र बोले- तात कौरवगण! दुर्योधन को तो मैंने त्याग दिया। यमलोक को जाते हुए उस मूर्ख का तुम लोगों में से जो अनुसरण करेंगे मैं उन सभी लोगों के लिये शोक में पड़ा हूँ।[1] प्रहार करने वालों में श्रेष्‍ठ व्याघ्र जैसे रुरु नामक मृगों के झुंडों में, घुसकर बड़ों-बड़ों को मार डालते हैं, उसी प्रकार योद्धाओं में अग्रगण्‍य पाण्‍डव युद्ध में एकत्र होकर कौरवों के प्रधान-प्रधान वीरों का वध कर डालेंगे। मुझे तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुरुष से तिरस्कृत हुई नारी की भाँति इस भरतवंशियों की सेना को विशाल बांहों वाले वीर सात्यकि ने अपने अधिकार में करके रौंद डाला है और वह अब विपरीत दिशा की ओर अस्त-व्यस्त दशा में भागी जा रही है। मधुवंशी सात्यकि युधिष्ठिर के भरे-पूरे बल-वैभव को और भी बढा़ते हुए, जैसे किसान खेतों में बीज बोता है, उसी प्रकार समर-भूमि में बाण बिखरते हुए खडे़ होंगे। सेना में समस्त पाण्‍डव योद्धाओं के आगे भीमसेन खडे़ होंगे और समस्त योद्धा उन्हें भयरहित प्राकार[2] के समान मानकर उन्हीं का आश्रय लेंगे।

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