ध्वनि कविता- Dhwani Kavita: अभी न होगा मेरा अंत अभी-अभी ही तो आया है मेरे मन में मृदुल वसंत अभी न होगा मेरा अंत हरे-हरे ये पात, डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात। मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर फेरूंगा निद्रित कलियों पर जगा एक प्रत्यूष मनोहर। पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं। अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं। द्वार दिखा दूंगा फिर उनको हैं वे मेरे जहाँ अनंत अभी न होगा मेरा अंत। 2.ध्वनि कविता के आधार वसंत ऋतु के महत्व को अपने शब्दों में लिखिए ?
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Answer: vasant ritu ka mahatwa yah hai ki iske aate hi kaliya khilkar pushp ban jati hai har jagah hariyali ho jati hai
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good morning......
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