Hindi, asked by ashutosh8749, 1 year ago

ध्वनि पर आधारित दो कविता लिखो​

Answers

Answered by arkapriyopal
4

Answer:

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

अभी न होगा मेरा अंत

अभी-अभी तो आया है

मेरे मन में मृदुल वसंत

अभी न होगा मेरा अंत

इस कविता में वसंत ऋतु की शुरुआत में जो माहौल होता है उसकी चर्चा की गई है। कविता का शीर्षक उस मधुर संगीतमय वातावरण की तरफ इशारा करता है जो वसंत ऋतु के शुरु होने पर रहता है। अभी तो मधुर वसंत की शुरुआत ही हुई है। इसलिए अभी उसका अंत नहीं होने वाला। हर सुंदर चीज का अस्तित्व थोड़े ही समय के लिए रहता है। या कई बार ऐसा होता है कि उसकी सुंदरता निहारने में हम इतने मगन हो जाते हैं कि हमें लगता है जैसे समय जल्दी बीत गया हो। वसंत साल का सबसे सुन्दर मौसम होता है और खुशनुमा होने की वजह से लगता है जैसे बहुत थोड़े समय के लिए ठहरता है। कवि ने इसी भावना को चित्रित करने की कोशिश की है।

हरे-हरे ये पात,

डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।

मैं ही अपना स्वप्न मृदुल कर

फेरूंगा निद्रित कलियों पर

जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

वसंत में डालियाँ, कलियाँ और छोटे पौधे सभी कोमल होते हैं। कवि ने लिखा है कि वह अपने सपनों जैसे मुलायम हाथों से नींद में डूबी कलियों को जगाने की कोशिश करता है। इससे जब फूल खिलते हैं तो एक नये सबेरे का प्रारंभ होता है।

पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं।

अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं।

वसंत ऋतु हर फूल से नींद की आलस को खींचने की कोशिश करता और हर किसी में नये जीवन का अमृत भर देता है।

द्वार दिखा दूंगा फिर उनको

हैं वे मेरे जहाँ अनंत

अभी न होगा मेरा अंत।

जब फूल खिल जायेंगे तो वसंत उन्हें इस असीम संसार के दरवाजे खोलकर उसका मनोहारी दृश्य दिखाएगा।

अगर दार्शनिक तौर पर देखा जाए तो वसंत का कभी अंत नहीं होता। बल्कि वसंत तो एक शुरुआत होती है। वसंत में खिले फूल ही आगे चल के फल बनते हैं। वो फल सभी जीव जंतुओं को भोजन देकर खुशियाँ बाँटते हैं। आखिर में उन्हीं फलों से बीज तैयार होते हैं और एक नई पीढ़ी की शुरुआत होती है। इसलिए वसंत बार-बार ये कह रहा है कि अभी उसका अंत नहीं होगा

Explanation:


mamtalodhi231: bhai isme dhwani par aadharit kavitaye kaha hai tune to dhwani kavita ko arth sahit likh diya hai
Answered by dackpower
3

ध्वनि पर आधारित दो कविता

Explanation:

1. रॉबर्ट फ्रॉस्ट द्वारा "पेड़ों की आवाज़"

इस कविता में रॉबर्ट फ्रॉस्ट देखते हैं: "मैं पेड़ों के बारे में आश्चर्य करता हूं। / हम इन / के शोर को सहन करने की इच्छा क्यों करते हैं / हमेशा एक और शोर की तुलना में अधिक / इसलिए हमारे निवास स्थान के करीब है?"

फ्रॉस्ट पेड़ों के माध्यम से हवा बहने की आवाज़ पर ध्यान देता है, और देखता है कि हालांकि पेड़ शोर करते हैं क्योंकि वे बहते हैं, वे वास्तव में दूर नहीं जाते हैं क्योंकि वे इतनी गहराई से जमी हुई हैं।

2. जॉर्ज ब्रैडली द्वारा "द साउंड ऑफ द सन"

ब्रैडली कहते हैं, "यदि आप कुछ सुबह करीब से सुनते हैं, जब सूरज सूज जाता है / क्षितिज पर और दुनिया अभी भी और अभी भी सो रही है / आप इसे सुन सकते हैं, आपके दिमाग के अंदर अभी तक एक बेहोश शोर / यह कहीं से आना चाहिए, अंधेरे की ओर भागते प्रकाश / एन्ट्रापी की ओर जलते हुए ऊर्जा, एक शांतिपूर्ण समाधान की ओर / शानदार ढंग से जलते हुए, अनायास, कहीं नहीं के बीच में। "

इस कविता में, ब्रैडली सूर्य की शक्ति का अवलोकन करता है, और देखता है कि यदि आप बहुत करीब से सुनते हैं तो आप सूरज को सुन सकते हैं।  Learn More

ध्वनि किसे कहते हैं? ध्वनि का महत्तव क्या है?

brainly.in/question/35107

Similar questions