ध्यानचंद को हांकी का जादूगर कयों कहा जाता हैं।
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उन्हें हॉकी का जादूगर ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें १९५६ में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
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मेजर ध्यानचंद एक दिग्गज भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे। उनके समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जो उनके खेल से प्रभावित नहीं हुआ। यहाँ तक की Dhyan Chand ने अपने खेल से खुद को हॉकी का जादूगर कहलवाया। लेकिन ऐसी क्या खास बात थी ध्यानचंद में और वे किस अंदाज में हॉकी खेलते थे जिससे उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा।
1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक में उनके नाम 14 गोल दर्ज हैं. इसी टूर्नामेंट में जीत के बाद उन्हें 'हॉकी का जादूगर' नाम से जाना जाने लगा. ध्यानचंद ने 1928,1932 और 1936 में देश को हॉकी में गोल्ड दिलाया. ... यह मूर्ति उनके खेल का जादू दिखाने का परिचायक देने के लिए लगाई गई है कि उनकी हॉकी में कितना जादू था.
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