Hindi, asked by parasharmanoj82, 2 months ago

ध्यानचंद सफलता के शिखर पर कैसे पहुंचे​

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Answered by syed2020ashaels
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Answer: ध्यानचंद बड़ी लगन और मेहनत से हॉकी खेलकर सफलता के शिखर पर पहुंचे और विश्व प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त किया। पिता जानते थे कि ध्यानचंद सुबह-शाम हॉकी का अभ्यास करते हैं और कोई रास्ता न देखकर उन्होंने कप्तान से अनुमति ली और मैच शुरू हो गया।

Explanation:

हॉकी खेल के भगवान कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद को कौन नहीं जानता। हॉकी की दुनिया में इतिहास रचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी ध्यानचंद लाखों लोगों के दिलों पर राज करते हैं।

वह अपने खेल में इतने माहिर थे कि उनके जैसा आज तक कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं हुआ। दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों की बात करें तो उस लिस्ट में मेजर ध्यानचंद का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है।

मेजर ध्यानचंद सभी खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श हैं चाहे वे किसी भी खेल के हों। ध्यानचंद ने अपना नाम इतिहास में ऐसे सुनहरे अक्षरों से अंकित करवाया है कि जब भी हॉकी की चर्चा होगी तो उनका नाम जरूर लिया जाएगा।

मेजर ध्यानचंद का जन्म ब्रिटिश भारत में 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इलाहाबाद का वर्तमान नाम प्रयागराज है।

ध्यानचंद का जन्म एक राजपूताना परिवार में हुआ था। मेजर ध्यानचंद का असली नाम ध्यान सिंह था। सामान्य बच्चों की तरह ध्यानचंद का जीवन भी बेहद सादा और सादा था।

पिता समेश्वर दत्त सिंह सेना में सामान्य सूबेदार के पद पर कार्यरत थे। ध्यान सिंह की माता का नाम शारदा सिंह था। ध्यानचंद के दो भाई मूल सिंह और रूप सिंह थे। ब्रिटिश शासन के दौरान पिता समेश्वर दत्त सिंह अपने परिवार को अच्छे से चलाते थे। ध्यानचंद का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था।

हॉकी के भगवान कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद को बचपन में हॉकी खेलने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। आपको बता दें कि उन्होंने कभी हॉकी खेलने के बारे में सोचा भी नहीं था।

इससे पता चलता है कि कोई भी व्यक्ति जन्म से सफल नहीं होता बल्कि उसे मेहनत करके नाम कमाना होता है।

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