ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
के उत्तर लिखिए:-
रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही में
नाव।
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव
भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास
हो रहे मेरे।
जी में उठती रह रह हूक, घर जाने
की चाह है घेरे
(ग) कवयित्री की दृष्टि में ईश्वर प्राप्ति
के लिए किए जाने वाले प्रयास क्यों
व्यर्थ जा रहे हैं?
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अपने शरीर की तुलना मिट्टी के कच्चे ढांचे से करते हुए कहा की उसे नित्य पानी टपक रहा है यानी प्रत्येक दिन उनकी उम्र काम होती जा रही है।
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