Hindi, asked by vanshsshah, 1 month ago

धकारी
प्र.४ ब) निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक -एक वाक्य
में हो।

हमें स्वराज्य तो मिल गया,परंतु सुराज्य अभी हमारे लिए एक सुखद स्वप्न ही है। इसका प्रधान
कारण यह है कि देश को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से कठोर परिश्रम करना हमने अब तक नहीं सीखा।
श्रम का महत्त्व और मूल्य हम जानते ही नहीं। हम अब भी आरामतलब हैं। हाथों से हमें यथेष्ट काम करने
में रूचि नहीं है।हाथों से काम करने को हम हीन लक्षण समझते हैं। हम कम से कम काम द्वारा जीविका
चाहते हैं। हम यही सोचते हैं कि किस तरह काम से बचा जाए। यह दूषित मनोवृत्ति राष्ट्र की आत्मा में
जा बैठी है और वहाँ से हटती नहीं। यदि हम इससे मुक्त नहीं होते और आज समाज से हम जितना पा
रहे हैं या लेना चाहते हैं, उससे कई गुना अधिक उसे अपने कठोर श्रम से नहीं देते,तो देश आगे नहीं जा
सकता और स्वराज्य सुराज्य में परिणत नहीं हो सकता।​

Answers

Answered by sarabutejaswini2007
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Answer:

धकारी

प्र.४ ब) निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक -एक वाक्य

में हो।

हमें स्वराज्य तो मिल गया,परंतु सुराज्य अभी हमारे लिए एक सुखद स्वप्न ही है। इसका प्रधान

कारण यह है कि देश को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से कठोर परिश्रम करना हमने अब तक नहीं सीखा।

श्रम का महत्त्व और मूल्य हम जानते ही नहीं। हम अब भी आरामतलब हैं। हाथों से हमें यथेष्ट काम करने

में रूचि नहीं है।हाथों से काम करने को हम हीन लक्षण समझते हैं। हम कम से कम काम द्वारा जीविका

चाहते हैं। हम यही सोचते हैं कि किस तरह काम से बचा जाए। यह दूषित मनोवृत्ति राष्ट्र की आत्मा में

जा बैठी है और वहाँ से हटती नहीं। यदि हम इससे मुक्त नहीं होते और आज समाज से हम जितना पा

रहे हैं या लेना चाहते हैं, उससे कई गुना अधिक उसे अपने कठोर श्रम से नहीं देते,तो देश आगे नहीं जा

सकता और स्वराज्य सुराज्य में परिणत नहीं हो सकता।​

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