धन की चाहत के कारण "सत्य" की क्या दशा होती है?
Answers
Answered by
0
Answer:
संसार में धन के बल पर न्यायालय में न्याय को अपने पक्ष में खरीदा जा सकता है। नैतिकता को धन के पैरों तले कुचला जा सकता है। ऐसी अलोपीदीन की पुष्ट धारणा थी। इस कहानी में सत्य शुरू में भी प्रभावी रहा और अंत में भी वंशीधर के सत्य के सामने अलोपीदीन को हार माननी पड़ी है और अंत में धनी अलोपीदीन को गिरफ्तार होना पड़ा। यह उसके लिए पैरों तले कुचले जाने के बराबर था।
please mark me as branlist
Similar questions
Environmental Sciences,
8 days ago
India Languages,
8 days ago
Social Sciences,
8 days ago
Hindi,
8 months ago
Science,
8 months ago