Accountancy, asked by laxmiprasadkahar89, 1 month ago

धनात्मक तथा ऋण आत्मक से संबंध को उचित उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट कीजिए​

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Answered by snlgiri014
2

Answer:

Tumhara answer galat hai

Answered by chamilmajumder
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Answer:

प्राकृतिक संख्याओं को धनात्मक संख्या माना जाता है। धनात्मक और ऋणात्मक दोनों संख्याओं के परिमाण और दिशा दोनों होते हैं। ऋणात्मक संख्याएं परिमाण और क्रम के बीच ग़लतफहमी उत्पन्न कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, –4 पारंपरिक रूप से –1 से कम होता है, इसके बावजूद कि –4 का परिमाण –1 से अधिक दिखाई देता है।

धनात्मक सह-संबंध  - धनात्मक सहसंबंध से आशय है कि दो चर श्रेणियों में परिवर्तन की दिशा का एक समान होना | जैसे, यदि किसी श्रेणी में वृद्धि हो तो संबंधित श्रेणी में भी वृद्धि हो एवं कमी की दशा में कमी हो |

उदाहरण - पूर्ति व कीमत आदि |

Explanation:

धनात्मक व ऋणात्मक सह संबन्ध का वर्णन अग्रलिखित है

1. धनात्मक सह-संबंध  - धनात्मक सहसंबंध से आशय है कि दो चर श्रेणियों में परिवर्तन की दिशा का एक समान होना | जैसे, यदि किसी श्रेणी में वृद्धि हो तो संबंधित श्रेणी में भी वृद्धि हो एवं कमी की दशा में कमी हो |

उदाहरण - पूर्ति व कीमत आदि |

2. ऋणात्मक सहसंबंध - ऋणात्मक सह संबंध से तात्पर्य होता है कि किसी चार श्रेणीयों में परिवर्तन की दिशा का विपरीत होना अर्थात यदि एक चर में वृद्धि हो तो अन्य संबंधित चर में कमी हो एवं कमी होने पर वृद्धि हो |

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