धन थोरो इज्जत बड़ी, कह रही की नीशा
जैसे कुल की कुलवधू, चिथ में महि समान
पावस देखि रहीम मन, कोड के साये मीन
अब दादुर वक्ता भए, हमका गुडल कौन ।।।
समय लाभ सम लाभ नहिं, समय तक सम चूर्व
चतुरन चित रहिमन लगी, समाजका
उत्तर लिखिए :
कोयल मौन साध लेती है
वर्षाऋतु का वक्ता
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धन थोरो इज्जत बड़ी, कह रही की नीशा
जैसे कुल की कुलवधू, चिथ में महि समान
पावस देखि रहीम मन, कोड के साये मीन
अब दादुर वक्ता भए, हमका गुडल कौन ।।।
समय लाभ सम लाभ नहिं, समय तक सम चूर्व
चतुरन चित रहिमन लगी, समाजका
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कोयल मौन साध लेती है
वर्षाऋतु का वक्ता........
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