धरा के अमर सपूतों से कवि की क्या अपेक्षाएं हैं
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कवि ने देश के सपूतों/बालकों या हमें ही रक्षक और पुजारी कहा है क्योंकि उनके अनुसार पूरा देश सरस्वती का मंदिर है जिसकी शुभ विधाएँ ही हमारी संपत्ति है। इस संपत्ति की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है जिस कारण हम देश के रक्षक और पुजारी हैं।
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