धर्मो जयति नाधर्मः , सत्यं जयति नानृतम्. ... क्षमा जयति न क्रोधो ...देवो जयती नसुरह
Answers
Answered by
13
meaning : धर्म का विजय होता है अधर्म का नही| सत्य का विजय होता है असत्य का नही | क्षमा का विजय होता है क्रोध का नही| और देवोंका विजय होता है असूरोंका नही|
Explanation:
' धर्मो जयती नाधर्म: .....| ' इस श्लोक मे हमेशा किसका विजय औंर कीसका पराजय होता है वह बताया गया है|
धर्म औंर अधर्म के युद्ध मे हमेशा जीत धर्म की ही होती हैं| उसी तरह सत्य और असत्य के बीच सत्य ही जितता हैं| किसी को भी क्रोध करने से अच्छा है की हम उसे क्षमा करे, क्यूंकी हमेशा क्षमा ही क्रोध से जीत प्राप्त करती हैं| तथा देव और असुरोंके के बीच देव ही विजय प्राप्त करते हैं |
इसी कारण हमे धर्म, सत्य, क्षमा यह गुण अपने अंदर विकसित करने चाहिए |
Answered by
3
Answer:
translation:
Explanation:
dharma wins over adharma, truth wins over lies,
forgiveness wins over anger and good wins over evil
Similar questions
Social Sciences,
2 months ago
Hindi,
2 months ago
Math,
2 months ago
English,
10 months ago
Chemistry,
10 months ago