धर्म का आंड पाठ पढ़कर हमको मन में क्या विचार आते हैं
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अपने प्रश्न किया कि मन में खराब विचार चलते रहते हैं तो मैं क्या करूं देखिए हमारे मन में जो विचार आते हैं वह कैसे आते हैं उसके बारे में थोड़ा बताऊंगा तो सबसे पहले हमारे मन में किसी प्रकार का एक थॉट आता है उसको इग्निशन थॉट कहते हैं इग्निशन थॉट जो होता है वह सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी हो सकता है हमारे लिए वह जरूरी विचार भी हो सकता है और गैरजरूरी विचार भी हो सकता है ध्यान रखेंगे जब वह विचार आए तो उसको अपने बुद्धि के द्वारा देखने की कोशिश करिए कि क्या यह विचार हमारे लिए जरूरी है क्या यह सकारात्मक विचार है हर व्यक्ति के अंदर इतनी क्षमता होती इतना विवेक होता है कि उसे अच्छे और बुरे की परख को समझ पाता है अगर वह आपके लिए आवश्यक विचार है वह आपके लिए सकारात्मक विचार है तो फिर उस विचार को महत्व दें और उसे फिर आगे की प्रोसेस बढ़ने दें ध्यान रखेंगे हमारे जब मस्तिष्क में कोई विचार आता है तो पहले उसको इग्निशन थॉट कहते हैं फिर उसी से रिलेटेड दूसरे विचार आने शुरू हो जाते हैं उसको सीक्वेंशियल थॉट कहते हैं यानी कि जिस प्रकार का एक विचार आता है उसी प्रकार के 1 विचारों की श्रृंखला आती चली जाती है यही कारण है कि अगर आपके मस्तिष्क में कोई नकारात्मक विचार आता है तो फिर कई सारे नकारात्मक विचार आपका मस्तिष्क आप हो जो आपके सामने रख देता है और ठीक उसी प्रकार से अगर आपके दिमाग में पहले एक सकारात्मक विचार आया तो उससे कई सारे सकारात्मक विचार अपने आप आने शुरू हो जाते हैं इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि आप शुरुआती विचार को नियंत्रित करके अपने विचारों की जो श्रृंखला है या और बहुत सारे विचार हैं उनको आप रोक सकते हैं तो अगर आपने महसूस किया जो कि थॉट आया पे वह खराब है बुरा है आपकी नुकसान दे है उन विचारों वहीं पर रोकने का प्रयास करें और उसकी जगह पर कुछ भी अच्छा विचार सोचने की कोशिश करें और यह बहुत जरूरी होता है कि जब हमारा कहीं ना कहीं दृष्टिकोण ही नकारात्मक हो जाता है इसीलिए उस प्रकार के विचार बहुत आते हैं इन को दूर करने का यह सिंपल तरीका है कि आप कुछ अच्छा चीज पढ़ने की कोशिश करिए अच्छा चीज देखने की कोशिश करें और यह ध्यान रहे कि ज्यादातर जो लोगों से आप मिली हो कहीं ना कहीं वह ऐसे लोग हो जैसे कुछ सकारात्मक चीज जीवन मिल पाए सकारात्मक ज्ञान मिले जब आपके मस्तिष्क में सिर्फ सकारात्मक और अच्छी चीजें ही जाएंगे तो कहीं ना कहीं आपके अंदर जो आने वाला विचार है वह भी सकारात्मक विचार ही आएगा क्योंकि जो हम दुनिया में देखते हैं सुनते हैं महसूस करते हैं उसका बहुत ज्यादा प्रभाव हमारे मस्तिष्क में पड़ता है और उसी प्रकार के विचार हमें आते हैं इसलिए नकारात्मक विचारों से स्नेह के लिए बहुत जरूरी है कि आप केवल और केवल अपने जीवन में जो अच्छाइयां हैं दूसरों के जीवन में जो अच्छाइयां वह देखने का प्रयास करें अच्छा ही पढ़ने की कोशिश करें अच्छा ही लेने की कोशिश करें जितना ही आप अपने दिमाग को सकारात्मक विचारों से भर लेंगे अपने आप नकारात्मक विचार वहां से हटते चले जाएंगे क्योंकि अधेरा चाहे जितना हो उसकी उम्र उजाले से बिल्कुल कम होती है अगर आप उजाला एक माय एक कमरे में चाहे जितना अंधेरा हो ग्राफिक माचिस की तीली भी चलाते हैं तो वहां पर उजाला हो जाता है इसका मतलब यह है कि आपके दिमाग में चाहे जितनी नेगेटिविटी हो अगर वहां थोड़ी सकारात्मकता आएगी तो अपने आप नेगेटिविटी वहां से हटती चली जाएगी इसको कोशिश करिए जरूर लाभ होगा मेरी शुभकामनाएं आपको धन्यवाद
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thx u so much dear for supporting me
I like that