धर्म का माथा हुआ सार क्या है
Answers
Answered by
2
O धर्म का मथा हुआ सार क्या है?
► धर्म का मथा हुआ सार से तात्पर्य है कि मनुष्य को स्वयं को अपने प्रयासों से ऊपर उठाना। वासुदेव शरण अग्रवाल द्वारा लिखित निबंध संस्कृति के स्वरूप में लेखक कहते हैं कि जो मनुष्य अपने प्रयासों से और परिश्रम से स्वयं को ऊपर उठाता है, वही धर्म के सही स्वरूप को समझ पाता है। धर्म का अर्थ है संस्कृति पूर्ण जीवन और संस्कृति एक सभ्य मनुष्य के लिए बेहद आवश्यक होती है। निरंतर कर्म करते रहने से ही संस्कृति का विकास होता है, नई-नई संस्कृतियों बनती हैं। जो लोग कर्म से भयभीत रहते हैं, उलझन में फंसे रहते हैं, वह नई संस्कृति को जन्म नहीं दे पाते।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼
Similar questions