Hindi, asked by rb1937935, 1 month ago

धर्म का रहस्य जानना वेदशास्त्र धर्मोचार्य का ही काम है
आप इस कथन से कहा तक सहमत है। धर्म‌ संबंधित अपने विचार व्यक्त किजिए

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Answered by shishir303
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¿ धर्म का रहस्य जानना वेदशास्त्र धर्मोचार्य का ही काम है , आप इस कथन से कहाँ तक सहमत है। धर्म‌ संबंधित अपने विचार व्यक्त किजिए।

✎... धर्म का रहस्य जानना केवल वेद शास्त्रज्ञ या धर्माचार्यों का ही काम है, इस कथन से हम बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। धर्म का रहस्य केवल वेद शास्त्रज्ञ या धर्म आचार्यों तक ही सीमित रहेगा तो आम जनता धर्म की गहराई को समझ नहीं पाएगी।

किसी भी धर्म में अनेक रीतियां-कुरीतियां प्रचलित हो जाती हैं। यदि आम व्यक्ति धर्म के जटिल रहस्य को समझने की कोशिश करेगा तो वह धर्म की अच्छाइयों और बुराइयों के भेद को समझ सकेगा। ऐसी स्थिति में धर्म में व्याप्त पाखंड और कुरीतियों का अंधा अनुकरण करना छोड़ देगा। आम व्यक्ति धर्म की गहराइयों को समझने की कोशिश करेगा उतना ही वह धर्म को वास्तविक रूप से समझ पाएगा और वही सच्चा धर्म होगा।

धर्म का मतलब केवल प्रचलित आडंबरों और रीतियों का पालन करना ही नहीं बल्कि धर्म का अर्थ है, सत्य एवं न्याय के मार्ग पर चलना। सत्य एवं न्याय के मार्ग पर चलने के लिये विवेक जागृत होना चाहिए। धर्म के मामले में व्यक्ति के विवेक जागृत होने के लिए उसे धर्म के जटिल रहस्य को समझना आवश्यक है, ताकि धर्माचार्य और शास्त्रज्ञ धर्म के नाम पर उसका आम व्यक्ति को बहला-फुसला नही सकें और ना ही धर्म के नाम जनता को मूर्ख बना सकें।

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