Hindi, asked by falguniYadav, 6 months ago

धर्म में धन को पैरों तले कुचल डाला​

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Answered by Anonymous
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धर्म ने धन को कुचल डाला । यह कथन 'नमक का दरोगा ' कहानी के संदर्भ में है। वंशीधर दरोगा एक ईमानदार दरोगा था जिसके मार्ग में बहुत कठिनाइयां आयी परन्तु वह अपनी ईमानदारी पर डटा रहा। ... इस प्रकार धर्म के आगे धन की हार हुई, ऐसा कहा गया है।

Answered by sneharani8789t
11

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Explanation:

धर्म ने धन को कुचल डाला । यह कथन 'नमक का दरोगा ' कहानी के संदर्भ में है। वंशीधर दरोगा एक ईमानदार दरोगा था जिसके मार्ग में बहुत कठिनाइयां आयी परन्तु वह अपनी ईमानदारी पर डटा रहा। ... इस प्रकार धर्म के आगे धन की हार हुई, ऐसा कहा गया है।

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