Science, asked by Jenengapik2139, 9 months ago

धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय संविधान में क्या प्रावधान किए गए है।

Answers

Answered by sourya1794
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Explanation:

एक पंथनिरपेक्ष राज्य पंथनिरपेक्षता की एक अवधारणा है, जिसके तहत एक राज्य या देश स्वयं को धार्मिक मामलों में आधिकारिक तौर पर, न धर्म और न ही अधर्म का समर्थन करते हुए, तटस्थ घोषित करता है। परंतु भारतीय वाङ्मय में धर्म शब्द का अर्थ अत्यंत व्यापक है। कर्तव्य, आचारसंहिता, नियम, रीति, रस्म, सांप्रदायिक आचार विचार, नैतिक आचरण, शिष्टाचार आदि का समावेश एक शब्द "धर्म" में ही हो जाता है। धर्म का अर्थ जीवनप्रणाली भी माना गया है। सेक्युलर शब्द का हिंदी अनुवाद करना दुष्कर प्रतीत होता है, तथापि उसके लिए कोई शब्द रखना अत्यावश्यक है।

Answered by saurabhgraveiens
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जिस राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है और सभी धर्मों को समान दर्जा देता है, उसे धर्मनिरपेक्ष राज्य कहा जाता है।  

Explanation:

अनुच्छेद 16 राज्य को धर्म के आधार पर सामान्य रोजगार के मामलों में नागरिकों के बीच पक्षपात करने से रोकता है। अनुच्छेद 25 से 28 तक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया और लागु किया गया है | जिससे धर्मनिरपेक्षता के आदर्श मजबूत होते हैं। प्रस्तावना को 1976 में संशोधन करके इस धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया  जिससे भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य हो। हमारे देश में प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का शांतिपूर्वक पालन करने का अधिकार है। संविधान सभा में 1946 में संविधान तैयार करने पर बहस के दौरान के.टी. शाह ने भारत को "धर्मनिरपेक्ष, संघीय, समाजवादी" राष्ट्र घोषित करने के लिए एक संशोधन का प्रस्ताव रखा।

जिस राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है और सभी धर्मों को समान दर्जा देता है, उसे धर्मनिरपेक्ष राज्य कहा जाता है।

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