'धर्मनिरपेक्षता किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति की विचारधारा नहीं है अपितु यह हमारे देश के लिए नींव का पत्थर
है'। कथन की व्याख्या कीजिए।
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'धर्मनिरपेक्षता किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति की विचारधारा नहीं है अपितु यह हमारे देश के लिए नींव का पत्थर है'
स्पष्टीकरण:
- धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करना। एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र वह है जहां लोगों की सभी जातीयता एक साथ रहती है।
- धर्मनिरपेक्षता कई राजनीतिक दलों द्वारा प्रचारित एक विचार है, लेकिन यह एक देश का आधार है और यह प्रत्येक नागरिक पर लागू होता है।
- भारतीय संविधान नागरिकों को किसी भी धर्म को स्वीकार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह धर्म के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है। राज्य धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है अगर वह समानता को बढ़ावा नहीं देता है।
- संविधान के निर्माता सांप्रदायिकता से बचना चाहते थे और इसलिए भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए गए जहाँ सभी धर्मों, समुदायों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
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