CBSE BOARD X, asked by krishnasingh2513, 10 months ago

'धर्मनिरपेक्षता किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति की विचारधारा नहीं है अपितु यह हमारे देश के लिए नींव का पत्थर
है'। कथन की व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by satveerrana78
3

Explanation:

dharm nirpeksta ka arth h ki sbhi dhrmo ko sman rup se manna.

bhart ek dharma nirpeksh desh h isme sbhi dhrmo ko sman rup se Mana jata h.

bhartiy svidhan me kuch ase kanun ko bnaya gya h jo dharma nirpeksh bnata h

dharm nirpeksh kisi bhi desh ki ekki karan me maddad karta h

lok tantr bhi dharm nirpeksh me shayta karta h

kyuki kisi bhi party ya neta ko dharm ke adhar per vote magne ya kisi bhi parkar ka parchr kzarane per bhartiy kanun ke andr mnahi h

IN sbhi karno ke karn hi bhart ki niv hilti nahi h

it can be help you

Answered by efimia
2

धर्मनिरपेक्षता का मतलब होता हैं सभी धर्मों को एक समान स्वीकार्य करना या मानना। हमारा देश भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं क्योंकि यहाँ सभी धर्मो के लोगों को समान रूप से माना जाता हैं। भारत देश की राजनीतिक दल हो या कोई विशेष व्यक्ति इसकी अवहेलना नहीं कर सकता क्योंकि धर्मनिरपेक्षता को भारतीय सविंधान में सुरक्षित करने हेतु प्रवधान दिए गये हैं। किसी भी व्यक्ति को जाति धर्म के आधार पर चिन्हित करने या विशेष फायदा देने पर उसको दण्डित किया जा सकता हैं। इस वजह से हमारे देश भारत की नीवं इतनी मजबूत और सख्त हैं कि कोई इसे हिला नहीं सकता। भारत की एकता और अखंडता का बहुत बड़ा कारण इसकी धर्मनिरपेक्षता भी मानी जाती हैं और जाती रहेगी।

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