धर्मराज यह भूमि किसी की
नहीं क्रीत है दासी
हैजन्मना समान परस्पर
इसके सभी निवासी।
सबको मुक्त प्रकाश चाहिए
सबको मुक्त समीरण
बाधा रहित विकास, मुक्त
आशंकाओं से जीवन।
1. धर्मराज कहकर किसे सम्बोधित किया गया है और क्यों?
2. धरती पर रहने वाले सभी एक बराबर कैसे हैं ? स्पष्ट कीजिए।
3. इसके निवासियों को क्या-क्या चाहिए? समझाकर लिखिए ?
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भीष्म पितामह युधिष्ठिर को 'धर्मराज' नाम से बुलाते है क्योंकि वह सदैव न्याय का पक्ष लेता है और कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने देता। हैं जन्मना समान परस्पर, इसके सभी निवासी। सबको मुक्त प्रकाश चाहिए, सबको मुक्त समीरण, बाधा-रहित विकास, मुक्त आशंकाओं से जीवन।
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Answer:
भावार्थ – प्रस्तुत पंक्तियों में भीष्म पितामह युधिष्ठिर से कहते है कि यह धरती किसी की खरीदी हुई दासी नहीं है। इस पर जन्म लेने वाले सभी एक समान है। सभी इस धरती के निवासी हैं। भावार्थ – प्रस्तुत पंक्तियों में पितामह भीष्म युधिष्ठिर कहते हैं कि हर व्यक्ति को समान रूप से प्रकाश और वायु चाहिए।
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