धरातल स्वरूपों का वर्णन
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पर्वत —
पर्वत धरातल के ऐसे ऊपर उठे भागों के रूप में जाने जाते हैं, जिनका ढाल तीव्र होता है और शिखर भाग संंकुचित क्षेत्र वाला होता है। पर्वतों का निम्नलिखित चार भागों में वर्गीकरण किया जाता है-
1 . मोड़दार पर्वत (Fold Mountains) .
2. अवरोधी पर्वत या ब्लॉक पर्वत (Block Mountains) .
3 . ज्वालामुखी पर्वत (Volcanic) .
4 .अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains) .
पठार —
साधारणतया अपने सीमावर्ती धरातल से पर्याप्त ऊँचे एवं सपाट तथा चौड़े शीर्ष भाग वाले स्थलरूप को 'पठार' के नाम से जाना जाता है। इनके निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं-
1 . अन्तरापर्वतीय पठार (Intermountane Plateau) .
2 . पीडमॉण्ट पठार (Piedmont Plateau).
3 . महाद्वीपीय पठार (Continental Plateau) .
मरुस्थल —
शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहाँ वर्षा कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनस्पतियां नहीं उगती हैं, मरुस्थल कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
1 . वास्तविक मरुस्थल .
2 . पथरीले मरुस्थल .
3 . चट्टानी मरुस्थल .
ज्वालामुखी —
ज्वालामुखी का तात्पर्य उस छिद्र व दरार से होता है जिसके माध्यम से पृथ्वी के आंतरिक भाग में स्थित लावा तथा अन्य पदार्थ धरातल के ऊपर आते हैं। सामान्य रूप से ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं-
1 . जाग्रत ज्वालामुखी (Active Volcano) .
2 . प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano) .
3 . शांत ज्वालामुखी (Extinct Volcano) .
झील —
महाद्वीपों के मध्यवर्ती भाग अर्थात धरातल पर उपस्थित जलपूर्ण भागों को झील कहते हैं। झीलों की सबसे बड़ी विशेषता उनका स्थल से घिरा होना है। झील निम्न प्रकार की होती हैं-
1 . खारे पानी की झीलें .
2 . ताजे या मीठे पानी की झीलें .
3 . विवर्तनिक झीलें .
4 भ्रंशन द्वारा बनी झीलें .
5 . दरार घाटी झीलें .
6 . क्रेटर झीलें .
हिमनद —
हिमनद बर्फ का एक विशाल संग्रह होता है, जो निम्न भूमि की ओर धीर-धीरे बढ़ता है। ये तीन तरह के होते हैं-
(1) गिरिपद हिमनद
(2) महाद्वीपीय हिमनद
(3) घाटी हिमनद।
नदी की तरह से हिमनद भी अपरदन, परिवहन और निक्षेपण का कार्य करते हैं। अपरदन के अंतर्गत यह उत्पादन, अपकर्षण और प्रसर्पण का कार्य करते हैं।
मैदान —
धरातल पर मिलने वाले अपेक्षाकृत समतल और निम्न भू-भाग को मैदान कहा जाता है। इनका ढाल एकदम न्यून होता है। निर्माण की प्रक्रिया के आकार के आधार पर मैदानों के प्रकार निम्नलिखित हैं-
1 . रचनात्मक मैदान (structural Plains) .
2. अपरदनात्मक मैदान (Erosional Plains) .
3 . निक्षेपात्मक मैदान (Depositional plains) .