Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

धरि- धीर दए' का आशय क्या है ?
Class 6 NCERT Hindi Chapter ‘वन के मार्ग में’

Answers

Answered by nikitasingh79
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‘वन के मार्ग’ में तुलसीदास द्वारा रचित दो सवैया है। ये उनकी प्रसिद्ध रचना ‘कवितावली’ के ‘अयोध्याकांड’ से लिए गए हैं।इनमें उन्होंने वन के मार्ग में जाते हुए श्री राम और सीता जी का सुंदर चित्रण किया है। प्रथम सवैया में कवि ने बताया है कि सीता जी नगर से बड़ा धैर्य धारण करके वन के मार्ग में निकली। दूसरे सवैया में कवि ने श्री राम और सीता जी के आपसी प्रेम का सुंदर चित्रण किया है।

उत्तर :-
आशय यह है कि सीता जी राज महलों की रहने वाले सुकुमारी थी। इससे पहले उन्हें तपती धूप में , धूल भरे जंगल के रास्ते पर जाने का अनुभव नहीं था। उन्हें यह पता था कि वनवास जाते समय जंगल का रास्ता सुगम नहीं है। परंतु पतिव्रता होने के कारण वह राम के साथ जाना चाहती थी। राम ने उन्हें कठिनाइयों से अवगत करा दिया था। इसलिए सीता जी ने अत्यंत धीरज के साथ वन मार्ग पर कदम बढ़ा दिया था। वे अत्यंत सुकुमारी  थी चलने में उन्हें कठिनाई हो रही थी फिर भी धैर्य धारण कर दृढ़ता पूर्वक वे वन मार्ग में चल पड़ी ।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by Anonymous
13
Hey mate!

Here's your answer!!

धरि-धीर दए पंक्ति का आशय धैर्य धारण करने से है। सीता वन मार्ग पर अग्रसर होते हुए, राम का साथ देते हुए, तकलीफों को सहते हुए मन-ही-मन स्वयं को धीरज बँधाकर बड़े ही धैर्य के साथ वन मार्ग पर चल रही थी।

आशा करता हूँ यह उत्तर आपकी मदद करे।
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