धरती के पास से गुजरा एस्टेरॉयड:8 KM प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी से गुजरा उल्का पिंड, 4 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा था यह क्षुद्रग्रह
चार फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) पृथ्वी के पास से गुजरा। ये 29 हजार किलोमीटर प्रति घंटे यानी औसतन 8 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था। नासा ने इस उल्का पिंड का नाम '2008 GO20' रखा था। ये एक अपोलो क्लास एस्टेरॉयड था।
पहले आशंका जताई गई थी कि इससे धरती को बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब इससे ऐसा कोई खतरा नहीं है। ओडिशा स्थित पठानी सामंत प्लेनेटेरियम के डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुवेंदु पटनायक ने कहा कि '2008 GO20' भारतीय समयानुसार 25 जुलाई 2021 को रात 11.21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब रहा। उन्होंने कहा कि विशाल क्षुद्रग्रह की चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर होने का अनुमान है जो कि चार फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर है।
2034 में पृथ्वी की ओर फिर आएगा उल्का पिंड
'2008 GO20' एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की कोई आशंका नहीं है। डॉ. पटनायक ने बताया कि ऐसा एस्टेरॉयड पहले भी पृथ्वी के ऊपर से गुजर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षुद्रग्रह 2034 में फिर से पृथ्वी पर आएगा। पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'हमें घबराना नहीं चाहिए। हम कह सकते हैं कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा।'
धरती के पास से गुजरा एस्टेरॉयड:8 KM प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी से गुजरा उल्का पिंड, 4 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा था यह क्षुद्रग्रह
भुवनेश्वर4 दिन पहले
चार फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) पृथ्वी के पास से गुजरा। ये 29 हजार किलोमीटर प्रति घंटे यानी औसतन 8 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था। नासा ने इस उल्का पिंड का नाम '2008 GO20' रखा था। ये एक अपोलो क्लास एस्टेरॉयड था।
पहले आशंका जताई गई थी कि इससे धरती को बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब इससे ऐसा कोई खतरा नहीं है। ओडिशा स्थित पठानी सामंत प्लेनेटेरियम के डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुवेंदु पटनायक ने कहा कि '2008 GO20' भारतीय समयानुसार 25 जुलाई 2021 को रात 11.21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब रहा। उन्होंने कहा कि विशाल क्षुद्रग्रह की चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर होने का अनुमान है जो कि चार फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर है।
2034 में पृथ्वी की ओर फिर आएगा उल्का पिंड
'2008 GO20' एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की कोई आशंका नहीं है। डॉ. पटनायक ने बताया कि ऐसा एस्टेरॉयड पहले भी पृथ्वी के ऊपर से गुजर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षुद्रग्रह 2034 में फिर से पृथ्वी पर आएगा। पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'हमें घबराना नहीं चाहिए। हम कह सकते हैं कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा।'
पहले भी पृथ्वी के काफी करीब आ चुका है एस्टेरॉयड
डॉ. पटनायक ने आगे बताया कि यह क्षुद्रग्रह 1935 और 1977 में पृथ्वी से क्रमशः 19 लाख किमी और 29 लाख किमी की दूरी से गुजर चुका है। उस समय, यह उड़ गया और कभी पृथ्वी की ओर नहीं आया। इस बार यह लगभग 45 लाख किमी है, जो पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी से लगभग 11 से 12 गुना अधिक है, इसलिए पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है।
धरती के पास से गुजरा एस्टेरॉयड:8 KM प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी से गुजरा उल्का पिंड, 4 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा था यह क्षुद्रग्रह
भुवनेश्वर4 दिन पहले
चार फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) पृथ्वी के पास से गुजरा। ये 29 हजार किलोमीटर प्रति घंटे यानी औसतन 8 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था। नासा ने इस उल्का पिंड का नाम '2008 GO20' रखा था। ये एक अपोलो क्लास एस्टेरॉयड था।
पहले आशंका जताई गई थी कि इससे धरती को बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब इससे ऐसा कोई खतरा नहीं है। ओडिशा स्थित पठानी सामंत प्लेनेटेरियम के डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुवेंदु पटनायक ने कहा कि '2008 GO20' भारतीय समयानुसार 25 जुलाई 2021 को रात 11.21 बजे पृथ्वी के सबसे करीब रहा। उन्होंने कहा कि विशाल क्षुद्रग्रह की चौड़ाई 97 मीटर और लंबाई 230 मीटर होने का अनुमान है जो कि चार फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर है।
2034 में पृथ्वी की ओर फिर आएगा उल्का पिंड
'2008 GO20' एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की कोई आशंका नहीं है। डॉ. पटनायक ने बताया कि ऐसा एस्टेरॉयड पहले भी पृथ्वी के ऊपर से गुजर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षुद्रग्रह 2034 में फिर से पृथ्वी पर आएगा। पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'हमें घबराना नहीं चाहिए। हम कह सकते हैं कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा।'
पहले भी पृथ्वी के काफी करीब आ चुका है एस्टेरॉयड
डॉ. पटनायक ने आगे बताया कि यह क्षुद्रग्रह 1935 और 1977 में पृथ्वी से क्रमशः 19 लाख किमी और 29 लाख किमी की दूरी से गुजर चुका है। उस समय, यह उड़ गया और कभी पृथ्वी की ओर नहीं आया। इस बार यह लगभग 45 लाख किमी है, जो पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी से लगभग 11 से 12 गुना अधिक है, इसलिए पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है।
23,628 से अधिक बड़े क्षुद्रग्रह, इनमें 1,045 खतरनाक
My youtub channe
Amazing science study
subscrib
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ok I have seen a video
Explanation:
pls mark me as brainylist and fol low me
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hii good evening dear how are you have a nice day stay home stay safe
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