धरती की शान कविता में कवि ने किन प्राकृतिक चित्रण किया है ?क्यों?
Answers
Explanation:
1.
धरती की शान कविता में कवि ने मनुष्य को धरती का सर्वशक्तिमान प्राणी बताया है I कवि के अनुसार मनुष्य में अनेक प्रकार की शक्तियां छिपी हुई है I मनुष्य अपनी शक्तियों को नहीं पहचानता I इसलिए वहां असहाय बन जाता है I सच यह है कि मनुष्य महाकाल बन सकता है I उसकी आवाज युग बदल सकती है I वह चाहे तो ऊंची से ऊंची उड़ान भर सकता है I इस प्रकार कविता का केंद्रीय भाव मनुष्य को अपनी शक्तियों को पहचानने के लिए प्रेरित करना है I
2.
धरती की शान से कवि का तात्पर्य मनुष्य की गौरवपूर्ण उप उपलब्धियां है I मनुष्य ने अपने बुद्धि बल से ऐसे अनेक कार्य कर दिखाएं हैं जो कभी असंभव माने जाते थे I मनुष्य ने सभ्यता और संस्कृति के उनके आदर्श कायम किए हैं I उस ने धरती पर के सभी प्राणियों में अपने को सर्वश्रेष्ठ साबित किया है I इसलिए कभी मनुष्य को धरती की शान मानता है I
Explanation:
कवि ने कविता में पहाड़, नदियों, धरती, आकाश, हवा जैसे प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण किया है। कवि ने मनुष्य को असीम शक्तियों से संपन्न बताया है। वह कहता है कि मनुष्य चाहे तो पर्वतों को फोड़ सकता है। वह चाहे तो नदियों के प्रवाह को मोड़ सकता है। वह अगर ठान ले तो धरती और आकाश को जोड़ भी सकता है। मनुष्य पवन-सा गतिमान है। इसलिए वह आकाश में ऊंची-से ऊंची उड़ान भरने में समर्थ है।
please give one thanks and one vote