धरती का वातावरण गरम क्यों हो रहा है? इसमें यूरोप और अमेरिका की क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
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आज पूरे संसार में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस स्थिति से परेशान है। इसके कारण धरती का वातावरण तेज़ी से गरम हो रहा है। हम मनुष्य ने अपनी सुविधाओं के नाम पर जो भी कुछ किया है, वह हमारे लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा है। वाहनों, हवाई जहाजों, बिजली बनाने वाले संयंत्रों (प्लांटस), उद्योगों इत्यादि से अंधाधुंध होने वाले गैसीय उत्सर्जन की वजह से कार्बन डायऑक्साइड में वृद्धि हो रही है। इन गतिविधियों से कार्बन डायऑक्साइड, मिथेन, नाइट्रोजन ऑक्साइड इत्यादि ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में बढ़ रही हैं, जिससे इन गैसों का आवरण घना होता जा रहा है। यही आवरण सूर्य की परावर्तित किरणों को रोक रहा है, जिससे धरती के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। ग्लेशियरों की बर्फ बढ़ रहे तापमान से तेज़ी से पिघल रही है। जिससे आने वाले समय में जल संकट खड़ा हो सकता है। जंगलों का बड़ी संख्या में हो रहा कटाव भी इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह है। जंगल कार्बन डायऑक्साइड की मात्रा को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करते हैं, लेकिन इनकी अंधाधुंध कटाई से यह प्राकृतिक नियंत्रक भी नष्ट हो रहे हैं। यदि जल्दी नहीं की गई तो हमारे जीवन पर भी सवालिया निशान उठ खड़ा होगा। इन गैसों के उत्सर्जन में अमेरिका तथा यूरोपीय देशों की भूमिका मुख्य है। वहाँ से सबसे अधिक इन गैसों का उत्सर्जन हो रहा है। वे इस बात स्वीकार नहीं करते हैं।