१५, धवलगिरि, जवाहर रोड, धुलिया ४२४ ००१ से अक्षय अपने मित्र
| राकेश को अपने स्कूल में मनाए गए वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए पत्र लिखता है।
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१५, धवलगिरि,
जवाहर रोड,
धुलिया- ४२४ ००१
१३ दिसंबर, २०१२
प्रिय मित्र राकेश,
सप्रेम नमस्ते।
बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र नहीं आया। आशा है, सब कुशल-मंगल होगा। मैं इन दिनों अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव की तैयारी में बहुत व्यस्त रहा। उसकी एक झलक मैं तुम्हें इस पत्र में दे रहा हूँ।
वार्षिकोत्सव के लिए हमारे स्कूल की इमारत को बिजली के रंगीन बल्बों से सजाया गया था। यह उत्सव लगातार तीन दिनों तक चला। इस उत्सव में शहर के अनेक लोग उपस्थित रहे थे। पहले दिन स्कूल में शिक्षा संबंधी प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन प्रमुख जिला प्रशासक श्री. म. न. शिंदे ने किया। प्रदर्शनी में हस्तकला के सुंदर नमूने लोगों को बहुत पसंद आए। दूसरे दिन खेल-कूद की प्रतियोगिताएँ हुईं। तीसरे दिन स्कूल के सभागार में अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इनमें भाँगड़ा नृत्य, डांडिया रास तथा 'सबसे बड़ा आदमी' नामक एकांकी ने उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। तीनों दिनों के कार्यक्रमों में विजेता छात्र-कलाकारों तथा खेल-कूद की स्पर्धाओं में विजयी खिलाडियों को आकर्षक पुरस्कार दिए गए। मुझे भी तीन पुरस्कार मिले। दो खेल-कूद प्रतियोगिता में और एक एकांकी में अच्छे अभिनय के लिए। अंत में कुछ भाषण हुए और उत्सव समाप्त हुआ।
सचमुच, इस बार का हमारा वार्षिकोत्सव बहुत ही शानदार और यादगार रहा।
अपने माता-पिता से मेरा प्रणाम कहना। पदमा एवं मकल को ढेर सारा प्यार।
तुम्हारा मित्र,
अक्षय