This is a Sanskrit phrase some one pls tell it's full hindi meaning
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अंग पर लगी हुई रज अर्थात धूल के कणों को अपने आंचल से झाड़ देती हैं और फिर उन्हें तरह-तरह से दुलार (प्यार) करती है। माताएं उनसे कोमल स्वर में बात करती हैं और अपने रामलला पर अपना तन मन धन अर्थात सब कुछ न्योछावर करने पर उतारू है।
रामलला के होठ मूंगे (प्रवाल ) के समान लाल है और वह अपने मुख से मधुर मधुर अर्थात मीठा-मीठा बोलते हैं उनकी जो सुंदर नासिका है उसमें सुंदर - सी लटकन लटक रही है अर्थात नाक में सुंदर आभूषण उनकी शोभा बढ़ा रहे हैं। रामलला के मुखारविंद अर्थात मुख कमल की यह छवि देख कर तुलसीदास जी भी अत्यंत आनंदित हो रहे हैं और वे कह रहे हैं की रामजी की छवि के समान केवल रामजी ही की छबि है अर्थात रामलला के असीम सौंदर्य से किसी की भी तुलना नहीं की जा सकती उनके समान वे ही है ।
विशेष : वात्सल्य रस से आपूरित यह पद अलंकारिक भाषा में आबद्ध एक रागमयी सुंदर रचना है जो श्रीरामजी के बालस्वरूप के राशि-राशि सौंदर्य को तुलसी के नेत्रों से उजागर करने का सार्थक एवं भक्तिपर्ण प्रयास है।