thought pollution the root cause of ills in Hindi
Answers
Explanation:
plz inbox me
I will answer you
Explanation:
प्रस्तावना
“भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराना है”। इस एक विचार ने 200 साल के गुलाम भारत को स्वतंत्र कर दिया। “सत्य की खोज” करने के एक विचार ने बालक सिद्धार्थ को भगवान गौतम बुद्ध बना दिया। नरेंद्र के विचारों ने ही उन्हें “स्वामी विवेकानंद” बनाया। और एक गरीब मछुआरे के घर में जन्मे अब्दुल कलाम भारत के “राष्ट्रपति व मिसाइल मैन” बन जाते हैं।
Thought Pollution Root cause of all ills
यह विचारों की ही शक्ति है कि आदमी असंभव को भी संभव कर देता है। एक सुंदर विचार किसी भी इंसान के पूरे जीवन को सुंदर , सफल और राष्ट्र को गौरवशाली बना सकता है।
स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं। “हम वो हैं जो हमारी सोच ने हमें बनाया है , इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौंण हैं , विचार दूर तक यात्रा करते हैं।”
क्या हैं विचार ?
किसी भी व्यक्ति के मन में उठने वाली अनगिनत भावनायें , इच्छाएं व खट्टी मीठी यादें , भविष्य या वर्तमान का चिंतन को हम विचार कह सकते हैं। ये विचार मनुष्य को कभी खुश तो कभी दुखी और कभी राग द्वेष से भर देते हैं।
या हम यूं कह सकते हैं कि विचार ही व्यक्ति के मन का दर्पण होते हैं। विचारों से मनुष्य के व्यक्तित्व का आकलन किया जा सकता है और मनुष्य के भविष्य की रूपरेखा भी उसी के विचारों की नींव पर टिकी रहती हैं।
विचार किसी शक्तिपुंज की तरह होते हैं। और उनका प्रभाव भी अद्भुत होता है।किसी व्यक्ति के मन में यह विचार आता है उसे जीवन में हर हाल में सफल होना है , तो वह अपने लक्ष्य के बीच में आने वाली हर चुनौतियों , हर विपरीत परिस्थितियों का सामना आसानी से कर लेता हैं। और एक दिन सफल हो जाता है। क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर हमारे ब्रह्मांड के जैसे अनंत संभावनाएं भरी हैं।
आप किसी भी सफल व्यक्ति की जीवनी उठाकर पढ़ लीजिए। कोई चुनौती , कोई भी विपरीत परिस्थितियां या आर्थिक तंगी कभी भी उनका रास्ता नहीं रोक पाई। क्योंकि उनके मन में बस एक ही विचार था कि उन्हें एक दिन सफल होना है। और अपने विचारों की प्रेरणा से ही वो उस महान लक्ष्य को हासिल कर पाए।
विचार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के होते हैं। नकारात्मक विचार व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन को तो प्रभावित करते ही हैं , साथ में समाज और देश को भी प्रभावित करते हैं।
सकारात्मक विचारों को अपनाने से ही जीवन सार्थक और सफल हो सकता हैं ।संसार में जितने भी महान व क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं , सकारात्मक और नकारात्मक विचार ही उनके असली कारण थे।
विचारों में शुद्धता
विचार ही व्यक्ति को व्यक्तिगत , सामाजिक , आर्थिक , भौतिक व आध्यात्मिक रूप से ऊपर उठाते हैं। कितना भी मन में निराशा हो लेकिन एक सुंदर विचार मन में आशा के हजार दीप जला देता है। और जीवन को सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ा देता है।
कर्म का विशाल पेड़ एक छोटे से विचार रूपी बीज से ही पनपता है। इसीलिए अच्छे कर्म करने लिए विचारों का शुद्ध , सात्विक , पवित्र और निर्मल होना आवश्यक हैं।और जिन व्यक्तियों के विचार आदर्श व श्रेष्ठ होंगे , वही एक अच्छे व सशक्त समाज व राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
इसीलिए माता-पिता द्वारा बचपन से ही बच्चों के मन में सकारात्मक विचारों के बीज बोने चाहिए। ताकि व्यक्ति बड़ा होकर सिर्फ अपना ही हित न सोचकर , अपने परिजनों , समाज , मानव कल्याण व देश के हित के बारे में भी सोचे। अच्छे विचार शांति , सदभावना व समृद्धि लाते है।
विचारों से ही व्यक्ति को श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। विचारों के अनुरूप ही मनुष्य का स्वभाव एवं व्यवहार हो जाता है।श्रेष्ठ व सकारात्मक विचारों से ही एक आदर्श एवं चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होता हैं। सकारात्मक विचार व व्यक्ति सदैव दूसरे में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
Mark me as soon as possible brainliest and follow me