thulseedas chapter maanav moolyom ki sthapana expalin it
Answers
Answered by
1
Answer:
दुनिया का प्रत्येक मानव सुखी होकर जीना चाहता है | यही मानव की मूल चाहत है | हर कोई इस चाहत को पूरा करना ही चाहता है | जीवन विद्या अर्थात जीवन ज्ञान, अस्तित्व दर्शन ज्ञान, मानवीयता पूर्ण आचरण ज्ञान समझ में आने पर सुखी होने का रास्ता बनता है | इसमें ही सर्वशुभ का आधार है | सबके निरंतर सुखी होने का स्रोत है, समाधानित रहने का प्रमाण है |
Answered by
0
Answer:
Similar questions