Tike kise siddhant par karya karte hai kuch vakyo mein samjaye????
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विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत अथवा आपेक्षिकता का विशिष्ट सिद्धांत (जर्मन : Spezielle Relativitätstheorie, अंग्रेज़ी: special theory of relativity or STR) गतिशील वस्तुओं में वैद्युतस्थितिकी पर अपने शोध-पत्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने १९०५ में प्रस्तावित जड़त्वीय निर्देश तंत्र में मापन का एक भौतिक सिद्धांत दिया।
गैलीलियो गैलिली ने अभिगृहीत किया था कि सभी समान गतियाँ सापेक्षिक हैं और यहाँ कुछ भी निरपेक्ष नहीं है तथा कुछ भी विराम अवस्था में भी नहीं है, जिसे अब गैलीलियो का आपेक्षिकता सिद्धांत कहा जाता है। आइंस्टीन ने इस सिद्धांत को विस्तारित किया, जिसके अनुसार प्रकाश का वेग निरपेक्ष व नियत है, यह एक ऐसी घटना है जो माइकलसन-मोरले के प्रयोग में हाल ही में दृष्टिगोचर हुई थी। उन्होने एक अभिगृहीत यह भी दिया कि यह सभी भौतिक नियम, यांत्रिकी व स्थिरवैद्युतिकी के सभी नियमों, वो जो भी हों, समान रहते हैं।
इस सिद्धांत के परिणामों की संख्या वृहत है जो प्रायोगिक रूप से प्रेक्षित हो चुके हैं, जैसे- समय विस्तारण, लम्बाई संकुचन और समक्षणिकता। इस सिद्धांत ने निश्चर समय अन्तराल जैसी अवधारणा को बदलकर निश्चर दिक्-काल अन्तराल जैसी नई अवधारणा को जन्म दिया है। इस सिद्धांत ने क्रन्तिकारी द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध E=mc2 दिया, जहां c निर्वात में प्रकाश का वेग है, यह सूत्र इस सिद्धांत के दो अभिगृहीतों सहित अन्य भौतिक नियमों का सयुंक्त रूप से व्युत्पन है। आपेक्षिकता सिद्धांत की भविष्यवाणियाँ न्यूटनीय भौतिकी के परिणाम को सहज ही उल्लेखित करते हैं, विशेषतः जब प्रेक्षणिय वस्तु का वेग, प्रकाश के वेग की तुलना में नगण्य हो। विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार प्रकाश का वेग c किसी परिकल्पना का वेग मात्र नहीं है जैसे विद्युतचुम्बकीय विकिरण (प्रकाश) का वेग बल्कि समष्टि व समय के एकीकरण का दिक्-काल (space-time) के रूप में करने के लिए एक मूलभूत लक्षण है। इस सिद्धांत का एक परिणाम यह भी है कि ऐसी कोई भी वस्तु अथवा कण जिसका विराम द्रव्यमान शून्य नहीं है किसी भी परिस्थिति में प्रकाश के वेग तक त्वरित नहीं किया जा सकता।
इस सिद्धांत को विशिष्ट (special) कहने का कारण यह है कि यह सिद्धांत केवल जड़त्वीय निर्देश तंत्रों में ही लागू होता है। इसके कुछ वर्षों पश्चात् सामान्य आपेक्षिकता नामक व्यापक सिद्धांत दिया गया, जो व्यापक निर्देशांकों पर कार्य करता है और इससे गुरुत्वाकर्षण समझने में भी सहायता मिलती है।