tirichh शीर्षक कहानी का सारांश लिखें
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तिरिछ कहानी का सारांश...
‘तिरिछ’ कहानी उदय प्रकाश द्वारा लिखी गई एक संवेदनशील कहानी है, जो उनके निजी जीवन में उनके पिताजी से संबंधित रही है। इस कहानी के माध्यम से उन्होंने शहरी जीवन की संवेदनहीनता का वर्णन किया है, जो बिना किसी जांच परख के किसी भी व्यक्ति को गलत समझ लेते हैं। ‘तिरिछ’ एक विषैला जंतु होता है, जिसका जहर सांप के जहर के समान ही खतरनाक होता है। लेखक इस कहानी के माध्यम से कहता है, हमारे समाज विशेषकर शहरों में तिरिछ से भी मानव के रूप विषैले जंतु पाये जाते हैं, जो मानवता को डस लेते हैं।
हमारे शहरी जीवन में ऐसी संवेदनहीनता व्याप्त है कि वह ग्रामीण लोगों के व्यक्तित्व और वेशभूषा देख कर उनके विषय में अलग ही नकारात्मक राय बना लेते हैं। कोई ग्रामीण व्यक्ति भूलवश शहर में किसी संकट में फंस जाए तो शहर के लोग उसके साथ और बुरा व्यवहार करते हैं। यदि ग्राणीण व्यक्ति के कपड़े गंदे हैं, फटे हैं तो वे उसे पागल समझने लगते हैं।
लेखक के पिता के साथ भी ऐसा ही हुआ। शहर में किसी काम से जाने पर वह संकट में फंस गए और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके कपड़े फाड़ दिए गए। वे दूसरी जगह गए तो वहाँ उनके कपड़े फटे देखकर लोग उन्हें पागल समझने लगे और उनके साथ और बुरा व्यवहार किया इस तरह जगह-जगह तिरस्कार और अपमानित होते रहे। किसी ने भी उनकी समस्या को नहीं समझा। यह वाकया शहरी लोगों की संवेदनहीनता को बताता है। शहरी लोगों के इसी दुर्व्यवहार के कारण अंततः लेखक के पिता की घायल होकर मृत्यु हो जाती है। शहरी लोगों की संवेदनहीनता एक ग्रामीण व्यक्ति का मृत्यु का कारण बन जाती है, इस कहानी के माध्यम से लेखक ने इसी समस्या को उजागर किया है।
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थानू कौन था? लेखक के साथ उसका क्या संबंध था ?
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