Hindi, asked by kumarvirendr207, 2 months ago

To तथा लस्ि लार दो 2 10 3. दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। मातृभूमि पर निवास करने वाले मनुष्य राष्ट्र का दूसरा अंग है। पृथ्वी हो और मनुष्य न हों, तो राष्ट्र की कल्पना असंभव है। पृथ्वी और जन दोनों के सम्मिलन से ही राष्ट्र का स्वरूप सम्पादित होता है। जन के कारण ही पृथ्वी मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है। पृथ्वी माता है और जन सच्चे अर्थों में पृथ्वी के पत्र हैं। (क) प्रस्तुत गद्यांश के पाट एवं लेखक का नाम लिखिए। (ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (ग) पृथ्वी और जन दोनों मिलकर

क्या बनाते हैं? (घ) पृथ्वी कब मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती हैं? (ङ) राष्ट्र की कल्पना कब असंभव है।​

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Answered by ak8075866
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