Today's English work:
Letter writing: You are interested in joining the course in Communication Skills advertised by the Elite School of Language, South Extension, New Delhi. Write a letter of enquiry for the same.
Answers
Explanation:
sorry bye..
“It doesn’t matter how far you might raise, at some point you’re about to stumble because if you’re constantly doing what we do – raising the bar, f you’re constantly pushing yourself higher, higher, the law of averages, not to mention the myth of Icarus, predicts that you will at some point fall. And when you do, I want you to know this, remember this, there is no such thing as failure. Failure is just life trying to move us in another direction.”“You can’t connect the dots looking forward, you can only connect them looking backwards. So you have to trust that the dots will somehow connect in yur future (…). Because believeing that the dots will connect dow the road will give you the confidence to follow your heart, even when it leads you off the well worn path, and that will make all the difference.Motivational Quotes to Inspire You to Be Successful
Your limitation—it's only your imagination.
Push yourself, because no one else is going to do it for you.
Sometimes later becomes never. ...
Great things never come from comfort zones.
Dream it. ...
Success doesn't just find you. ...
The harder you work for something, the greater you'll feel when you achieve it.
Dream biggerदोस्तों, उन्नति का द्वार खोलने के लिए बस एक चाबी की जरूरत होती है । वह चाबी है- ज़िम्मेदारी । जब आप ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं तब आप अपने सफलता का द्वार खोल रहे होते हैं । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति कभी भी हाथ-पर-हाथ धरे नहीं बैठता, वो कभी भी इस इंतजार में नहीं बैठता कि बिना कुछ किये उसकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी। ज़िम्मेदारी उठाने वाला व्यक्ति अपनी तक़दीर खुद लिखता है, वह अपने काम को ईमानदारी के साथ पूरा करता है जिससे उसे Satisfaction और ख़ुशी दोनों मिलती है। हम सब अपनी लाइफ में बहुत सारी गलतियाँ करते हैं लेकिन जो व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझता है या Responsibility लेता है, वो अपनी गलतियाँ कभी भी दूसरों पर नहीं थोंपता, किसी दुसरे पर Blame नहीं डालता, बल्कि अपनी गलतियाँ कुबूल करता है, और उन्हें कभी न दुहराने की सीख लेता है। इस दुनिया में जितने भी Negative लोग हैं और जो अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाते हैं, उनके साथ जब भी कुछ बुरा होता है तब वे दूसरों पर ही इल्जाम लगाते हैं । ज्यादातर लोग कुछ अच्छा होने पर तुरंत Credit ले लेते हैं मगर बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो खुद से गलती होने पर अपनी ज़िम्मेदारी Accept करते हैं।अपनी Responsibility समझने वाला व्यक्ति कभी भी दूसरों पर इल्जाम नहीं लगाता । आपने बहुत से लोगों को देखा होगा जब वे खुद के साथ कुछ भी गलत हो जाने से दूसरों पर जैसे –अपने माता-पिता, दोस्तों, भगवान, रिश्तेदारों, ग्रह-नक्षत्र, गुरू, भाग्य इन सबको ब्लेम करने लगते हैं । ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि ये लोग हर काम में शॉर्टकट की तलाश करने वाले होते हैं । यदि उन्हें सफल होना है तो वो कोई शॉर्टकट की तलाश करेंगे, बस मन में ही बड़े-बड़े सपने बुनते नजर आएँगे लेकिन जब उन्हें कुछ करने के लिए कहा जाएगा तब इसके लिए वो न कोई स्टेप लेंगे या अपनी ज़िम्मेदारी को समझेंगे । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति सिर्फ सपने नहीं देखता, उन सपनों को जीता है, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता है । लेकिन जो अपनी Responsibility नहीं समझते वो बस शिकायत करते और किसी कोने में बैठे रोते हुए नजर आते हैं या गली-मुहल्ले में Time Pass करते दिख जाते हैं । हम तभी इस देश का एक अच्छा नागरिक बन सकते हैं जब हम अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार हों । जब हमें कोई काम सौंपा जाता है और हम उसे किसी दुसरे को करने के लिए कहते हैं, वो दूसरा किसी तीसरे को और वो तीसरा किसी चौथे को, तब वह काम बस गोल-गोल घूमता रहेगा, न कभी पूरा हो पाएगा और न ही वो लोग कभी सफल हो पाएँगे जो अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों के कन्धों पर ही डालते नजर आएँगे । यदि आप महान बनना चाहते हैं तब अपनी ज़िम्मेदारी की कीमत को समझें । अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार रहें न कि दूसरों पर ब्लेम डालते नजर आएं । एक अच्छा इंसान कभी भी अपने कामचोरी या निकम्मेपन से अच्छा नहीं बनता बल्कि अपनी Responsibility समझने से बनता है ।चलिए एक छोटी-सी कहानी से इसे आगे बढ़ाते हैं
रामू एक चौकीदार था और रात में पहरा देने का काम किया करता था । रामू के बारे में ऐसी मान्यता थी कि वह जो भी सपना देखता वो सच हो जाता था । उसका मालिक व्यापार के सिलसिले से हर हप्ते बस से यात्रा करता था । एक सुबह मालिक यात्रा पर जाने के लिए तैयारी कर रहा था तभी रामू वहां पहुंचा और मालिक से बोला, ‘कृपया आप दुसरे दिन व्यापार के सिलसिले में बाहर जाएं शायद आज बस में दुर्घटना हो सकती है।‘ उस दिन मालिक ने अपनी यात्रा पर न जाने का फैसला किया और रामू ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ, बस एक पेड़ से जा टकराई ।
मालिक को जब इस बात का पता चला, उसने रामू को फ़ौरन बुलाया और उसे मुंह मांगी इनाम दी । साथ ही उसनें रामू को नौकरी से निकाल दिया ।
क्या आप जानते हैं कि रामू को नौकरी से क्यों निकाला गया? क्योंकि रामू एक चौकीदार था और उसे रात में जागकर पहरा देने का करना होता था लेकिन वह रात में सो जाता और सपने देखा करता था । वो अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझ रहा था, इसीलिए उसे अपनी नौकरी से हाथ-धोना पड़ा।
दोस्तों हमें अपनी ज़िम्मेदारी को समझना होगा, ईमानदारी के साथ अपना काम करते हुए आगे बढ़ना होगा, जब हम ज़िम्मेदारी उठाएंगे तभी हम आगे बढ़ पाएंगे । हर व्यक्ति जब अपनी ज़िम्मेदारी को समझेगा, जब दूसरों पर गलतियाँ थोंपना बंद करेगा तभी हम और हमारा देश आगे बढ़ेगा ।
जब देश का हर नागरिक, ज़िम्मेदारी का बोझ अपने कन्धों पर उठाने के लिए तैयार होगा तब हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।
bye..