Hindi, asked by 13579qwerty24680, 1 year ago

topi summary class 8 vasant bhag-II

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Answered by riiu235
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गवरैया का मन टोपी पहनने का हो रहा था। गवरा जानता था कि इंसानों में अपनी झूठी मर्यादा बचाने की कैसी होड़ मची रहती है। किस तरह से इंसान एक दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने की ताक में रहता है। अंतत: गवरैये को एक रुई का फाहा मिल गया जिससे उसे टोपी बनवाने की प्रेरणा मिली।

13579qwerty24680: can u explain it more... by the way thanks
Answered by rojukaju123
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टोपी शुक्ला धर्म पर आधारित एक कहानी है जहां पर दो‌ अलग-अलग धर्मों से जुड़े बच्चों और एक बच्चे एवं एक बुढ़ी दादी के बीच अटूट प्रेम की कथा है।


इफ़्फ़न और टोपी यह दोनों पक्के मित्र थे। यह दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे थे परन्तु दोनों की आत्मा एक दूसरे से जुड़ी हुई थी।टोपी हिंदू धर्म का था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम।


परन्तु जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता था तो दादी के पास ही बैठता था। उनकी मीठी पूरबी बोली उसे बहुत अच्छी लगती थी। दादी पहले अम्मा का हाल चाल पूछतीं। दादी उसे रोज़ कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नहीं था।


फिर भी उनका हर शब्द उसे गुड़ की डली सा लगता था। इसलिए उनका रिश्ता अटूट था। इफ़्फ़न की दादी जितना प्यार इफ़्फ़न को करती उतना ही टोपी को भी करती थी, टोपी से अपनत्व रखती थी। उनकी मृत्यु के बाद टोपी को ऐसा लगा मानो उस पर से दादी की छत्रछाया ही खत्म हो गई है। इसलिए टोपी को इफ़्फ़न की दादी की मृत्यु के बाद उसका घर खाली सा लगा।


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